क्योंकि...सीवेज लाइन के साथ बिछी पाइपलाइन और फिल्टर प्लांट में अंदाज से मिला रहे क्लोरीन

राजधानी के लोग मटमैला और सीवर मिला पानी पी रहे हैं। क्योंकि, फिल्टर प्लांटों पर लापरवाही बरती जा रही है और जगह-जगह पानी सप्लाई की लाइन सीवर लाइन के साथ-साथ बिछी हुई है। बड़े तालाब के फिल्टर प्लांटों पर अनुभवहीन कर्मचारी अंदाज से ही क्लोरीन मिला रहे हैं। कोलार में फिल्टर प्लांट की स्थिति थोड़ी ठीक है, लेकिन पुरानी पड़ चुकी पाइप लाइनें सीवेज के पास से गुजर रही है, इससे पानी दूषित हो रहा है। ब्यूूरो अॉफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआईएस) ने भोपाल सहित देश के 20 शहरों के पानी की जांच की। इसमें भोपाल के सभी 10 सैंपल चार मानकों पर फेल हो गए और वह देश में 10वें स्थान पर रहा।



  •   इसका अर्थ है पानी में मिट्टी व अन्य सॉलिड पार्टिकल मिले हुए हैं। इसे दूर करने के लिए प्लांट में क्लोरिनेशन किया जाता है।

  •  कोलार लाइन में चूना भट्टी के पास दोबारा क्लोरिनेशन होता है, लेकिन लीकेज के कारण पानी में मिट्टी मिल रही है। 

  •  बड़े तालाब के फिल्टर प्लांट में अस्थायी कर्मचारी अंदाज से क्लोरीन मिक्स कर देते हैं।