5 व 6 दिसंबर की रात करीब 1.15 बजे पेट्रोल मैन आशीष कुमार मानिक पुरी और सुदर्शन पुरी पेट्रोलिंग ड्यूटी पर थे। सारबहरा से पेंड्रारोड के बीच किमी 818/21.23 पर रेल पटरी क्रैक दिखाई पड़ी। उन्होंने तत्काल इसकी जांच की तो देखा कि पटरी ऊपर से आधी क्रेक है। अगर कोई ट्रेन इसके ऊपर से गुजरती तो यह टूट जाती और इससे तेज रफ्तार ट्रेन पलट भी सकती है। इस बीच उन्हें सूचना मिली कि इसी लाइन पर दुर्ग-छपरा सारनाथ एक्सप्रेस आ रही है। दोनों पेट्रोल मैन ने पटरी पर डेटोनेटर रखकर फोड़ना शुरू किया।
तब तक ट्रेन क्रमांक 15160 सारनाथ एक्सप्रेस पटरी पर दिखाई देने लगी थी। ट्रेन के लोको पायलट ने पटरी के बीच डेटोनेटर फूटते देखा तो रात 1.39 बजे कुछ दूर पहले ही ट्रेन रोक दी। पेट्रोल मैन ने लोको पायलट को पूरी जानकारी दी। इसके बाद तत्काल पेंड्रारोड से पीडब्ल्यूआई को बुलवाकर पटरियों को जाॅगल फिश प्लेट लगाकर मजबूत कर दिया। इस काम में पीडब्ल्यूआई को 20 मिनट का समय लगा। तब तक सारनाथ एक्सप्रेस जंगल के बीच खड़ी रही। रात में 2 बजे फिश प्लेट लगे ट्रैक से 10 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन को चलाया गया।
आरवीएनएल की बिछाई रेल लाइन घटिया, 6 माह में 7 बार टूट चुकी
बिलासपुर से पेंड्रारोड के बीच खोंगसरा से लेकर पेंड्रारोड तक आरवीएनएल द्वारा बिछायी गई नई रेलवे लाइन अत्यंत ही घटिया है। 6 महीने में 7 बार पटरियां टूटने की घटना हो चुकी है। लखनऊ स्थित लैब आरडीएसओ ने भी जांच के बाद नई रेलवे लाइन की वेल्डिंग को घटिया बता चुकी है। इस बात से अफसर चिंतित हैं कि पटरियां टूट रही हैं। वेल्डिंग उखड़ रही है। ऐसे में दुर्घटना रोकने की पूरी जवाबदारी पेट्रोल मैन की है। और वे पूरी सतर्कता से काम भी कर रहे हैं।
क पर क्रैक दिखा तो पेट्रोमैन ने देर रात डेटोनेटर फोड़कर रोकी सारनाथ एक्सप्रेस, टला हादसा